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Saturday, November 30, 2013

Fitness tips


 
running is most imporntent part of exercise

Milkha Singh

अच्छी फिटनेस पाने के लिए दौडऩा सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है और यह होता भी बहुत आसान है। असल में दौडऩे के लिए किसी खास वातावरण या इक्यूपमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती है जबकी जिम जाने या फिर किसी दूसरे तरह के व्यायाम के लिए खास तैयारी करनी पड़ती हैं। बस दौड लगाऩे के लिए 1 जोड़ी सही ग्रिप वाले जूते के साथ अच्छी फिटिंग वाली ट्रैक सूट की जरूरत पड़ती है।

वैसे तो इसमें किसी तरह की ताम-झाम की आवश्यकता नहीं पड़ती है लेकिन फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
भोजन- रोजाना दौड लगाने वालों को अपने भोजन को लेकर भी सावधान रहना चाहिए। इन्हे रोजाना कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर भोजन खाना चाहिए। दरअसल यह एक तरह का ईंधन है जिससे दौडऩे के दौरान शरीर को ऊर्जा मिलती है। पाश्चर की भी जानकारी जरूरी है क्योंकि इसके अभाव में शरीर पर ज्यादा दबाव बनेगा। ज्यादा तेज न दौंड़े क्योंकि इससे शरीर के जोड़ और हड्डियां चोटिल हो सकती हैं।
पहली बार दौड़ने पर जरूरी जानकारियां-पहली बार बहुत ज्यादा तेज दौडऩे को लेकर पूरी तरह सावधान रहें क्योंकि इससे आपके मसल्स को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आपने रोजाना दौड़ने का तय कर लिया है तो तो इसके लिए किसी फिटनेस विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें औऱ हो सके तो खुद भी थोड़ी रिसर्च करें। 
शारीरिक क्षमता के अनुसार ही दौड़े- अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही दौड़ने का लक्ष्य तय करें। दौडऩे से पहले वार्मअप जरूर कर लें क्योंकि वार्मअप करने से पूरा शरीर खुल जाता है और मसल्स में भी लचीलापन आ जाता है। 
विशेषज्ञ की लें सलाह -अगर आप मन बना लिया है मुझे रोजाना दौड़ लगानी है तो इसके लिए सबसे पहले सही ग्रिप वाले जूतों का सिलेक्शन कर लें। इसके लिए आपको साधारण जूतों और दौड़ने वाले जूतों में फर्क जानना जरूरी है। अगर आप सही तरह के जूतों का चुनाव नहीं करेंगे, तो इससे टखने के जोड़ों पर दबाव पड़ेगा। आमतौर पर होता यह है कि दौड़ने की शुरुआत करने वाले लोग किसी भी तरह के जूते पहनकर दौडऩा शुरू कर देते हैं। जो कि बिल्कुल सही नहीं है। सही जूतों के लिए किसी अच्छे ब्रांड को ही सिलेक्ट करें क्योंकि ब्रांडेड कंपनियां ऐसे जूतों का बहुत अच्छा स्टोक रखती है।

Friday, November 29, 2013

Jukham se bachav



जुकाम का वायरस शरीर में पहुंचने के बाद कुछ आम लक्षण बार-बार प्रकट होते रहते हैं-
जुकाम से बचाव
जुकाम एक ऐसा रोग है जो दुनियाभर के ज्यादातर लोगों को प्रभावित करता है। वैसे तो यह आम रोग माना जाता है लेकिन अगर यह पुराना हो जाता है तो और भी कई रोगों को जन्म दे देता है। गर्मी से ज्यादा यह रोग सर्दी के मौसम में ज्यादा परेशान करता है। जुकाम का वायरस शरीर में पहुंचने के बाद कुछ आम लक्षण बार-बार प्रकट होते रहते हैं-
  • ,बार-बार छींके आने लगती है।
  • नाक में से हर समय स्राव होता रहता है।
  • आंखों में से पानी निकलने लगता है।
  • पूरा बदन दर्द करने लगता है। 
  • गले में खराश पैदा हो जाती है।
  • सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
  • हल्का बुखार भी परेशान करने लगता है।
  • अगर जुकाम ठीक होने होता है तो 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाता है और नहीं होना होता तो सालों बीत जाते हैं लेकिन जुकाम ठीक नहीं होता क्योंकि मेडिकल साईंस में अभी तक जुकाम की कोई कारागार औषधि नहीं बनी है और जो औषधि बनी भी है वह सिर्फ इसके  लक्षणों को ठीक करने के काम में आती हैं।  
  • जुकाम से कैसे बचें-
    1. जुकाम होने पर ज्यादा काम करने से बचना चाहिए। रोजाना के काम कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान धूल और धुएं से बचना चाहिए, नहीं तो जुकाम बिग़ड़ सकता है।
    2. जुकाम से ग्रस्त रोगी को भरपूर आराम के साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने चाहिए और फलों का रस तो जरूर लें।
    3. जुकाम के कारण पाचनतंत्र शिथिल पड़ जाता है, इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में हल्के और जल्दी पचने वाले पदार्थ ले लेने चाहिए।
    4. सर्दी-जुकाम से बचने के लिए फिलहाल किसी तरह का टीका नहीं बना है,  लेकिन बीमार न पड़ें, इसकेलिए कुछ उपाय जरूर किए जा सकते हैं।
    5. अपने भोजन की ओर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। रोजाना ऐसा भोजन लें, जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों। 
    6. रोगी को पूरी नींद लेनी चाहिए और व्यायाम भी करना चाहिए। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

Benefits of papaya

पपीता कच्चे और पके हुए दोनों ही रूपों में खाया जाता है। कच्चा पपीता हरे रंग का होता है
पपीता खाओ, सेहत बनाओ
पपीता सेहत के लिए बहुत अच्छा फल माना जाता है। इसमें कई तरह के
विटामिन पाए जाते हैं, इसलिए रोजाना पपीता खाने से शरीर में कभी विटामिनों की कमी नहीं होती। रोगी व्यक्ति की डाइट में सबसे ज्यादा पपीते को शामिल किया जाता है, क्योंकि इसके एक नहीं बल्कि अनेक फायदे हैं।
       पपीता कच्चे और पके हुए दोनों ही रूपों में खाया जाता है। कच्चा पपीता हरे रंग का होता है और अधिकतर इसकी सब्जी बनाई जाती है। पका हुआ पपीता ज्यादातर फल के रूप में खाया जाता है।
              प्रचुर मात्रा में पपीते में  विटामिन ए, बी और सी के साथ ही थोडा़ सा विटामिन-डी भी मिलता है। पपीता पेप्सिन नामक पाचक तत्व का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत है। इसमें कैरोटीन और कैल्शियम भी काफी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, पोटेशियम और प्रोटीन भी  पाया जाता है।
पपीते के गुण-

  • पपीता प्रोटीन को पचाने में भी मदद करता है।
  • पपीते को फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है।
  • पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है जो आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे आंखों की रोशनी तो बढ़ती ही है साथ ही त्वचा भी स्वस्थ और चमकदार रहती है।
  • पपीते में कैल्शियम भी पाया जाता जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • बढ़ते बच्चों के अच्छे विकास के लिए पपीते में ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को पोषण देने के साथ ही रोगों को दूर भी भगाते हैं।
  • जिन लोगों को बार-बार सर्दी-खांसी परेशान करती है, उनके लिए पपीते का रोजाना सेवन करना काफी लाभकारी रहता है क्योंकि इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है। पपीता पेट के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इसको खाने से पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है और पेट के  रोग भी दूर होते हैं। पपीता पेट के 3 मुख्य रोग आम, वात और पित्त तीनों में ही आराम पहुंचाता है। यह आंतों के लिए भी अच्छा माना जाता है।

Wednesday, November 27, 2013

Amrood ke gun



      
सर्दियों में फल और सब्जियों के रूप में बहुत से खनिज और विटामिन शरीर को दिये जा सकते हैं।
अमरूद, सेहत का डॉक्टर
सर्दियों का मौसम खाने-पीने के हिसाब से सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मौसम में भूख ज्यादा लगती है और कुछ भी खाया-पिया शरीर को लगता है। इस मौसम में फल-सब्जियों और ड्रायफ्रूट्स तक की बहार आ जाती है। इसलिए सर्दी के दिनों में बादाम या खसखस का हलवा या बाजरे की देशी घी युक्त खिचड़ी से लेकर अमरूद, पालक, मेथी, गाजर, टमाटर आदि जैसी अनेक चीजों का मजा आसानी से लिया जाता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर सेहत बनाने की इच्छा हो तो सर्दी के मौसम से बढ़कर कोई मौसम नहीं है।
       सर्दियों में फल और सब्जियों के रूप में बहुत से खनिज और विटामिन शरीर को दिये जा सकते हैं। इन्हीं में से एक है अमरूद जिसमें कई तरह के खनिज और विटामिन पाए जाते हैं।
       अमरूद को बिही और जामफल के नाम से भी जाना जाता है। खाने में मीठा और खट्टा दोनों तरह के स्वाद से बने इस फल की खास बात यह है कि यह हर आदमी को आसानी से मिलने वाला फल है लेकिन गुणों के मामले में यह दूसरे महंगे फलों पर भारी पड़ता है। इस फल में दूसरे सिट्रस फ्रूट्स के मुकाबले 5 से 10 गुना तक ज्यादा विटामिन 'C'  होता है। जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसमें विटामिन '' या कैरोटिन भी पाया जाता हैं।
       अमरूद जितना ज्यादा पका होगा, उतनी ही पौष्टिक तत्वों की मात्रा उसमें बढ़ी हुई होगी। अक्सर डॉक्टर्स भी हीमोग्लोबीन की कमी होने पर पके अमरूद को खाने की सलाह देते हैं। इसलिए स्त्रियों के लिए यह और भी लाभदायक हो जाता है। इसमें फास्फोरस तथा कैल्शियम जैसे तत्व भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं

Kele ke gun



केला खेलों में भाग लेने वाले लोगो अर्थात एथलीटस का पसंदीदा फल होता है

केला खाओं, अच्छा स्वास्थ्य पाओ

कहते हैं कि रोजाना एक सेब खाओ और डॉक्टर को दूर भगाओ, ऐसा ही कुछ केले के साथ भी है केले के बारे में कहा जाता है कि रोजाना 1 केला खाने से आप अपनी पूरी जिन्‍दगी स्‍वस्‍थ रह सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई तरह की बीमारियों से बचा सकता है। बहुत से डायटीशियन केला खाने को इसलिये मना करते हैं क्‍योंकि इसमें कैलोरी बहुत ज्‍यादा होती है, लेकिन आपको अपनी Diet से केले को नहीं बल्कि उस भोजन को हटाने की जरूरत है जो वजन को बढ़ाता है और उसको खाने से शरीर को कोई लाभ भी नहीं होता। यहां पर हम आपको केले के कुछ ऐसे गुण बताने जा रहे हैं जो आप अगर आजमाते हैं तो एक स्वस्थ जीवन बिता सकते हो-
एनर्जी - केला खेलों में भाग लेने वाले लोगो अर्थात एथलीटस का पसंदीदा फल होता है क्‍योंकि यह शरीर में तुरंत एनर्जी पैदा करता है। नाश्ते में केला खाने से एनर्जी बढती है और इससे शरीर को ग्‍लूकोज, फ्रक्‍टोज़ और सूकरोज़ जैसे पोषक तत्‍व भी मिलते हैं। जो लोग जो दिनभर भूखे-प्‍यासे रहते हैं यानि की व्रत आदि करते हैं वह अगर सिर्फ केले ही खा लें तो उन्‍हें दूसरे फल के मुकाबले एनर्जी जल्दी मिलेगी।
तनाव- 1 सर्वे के अनुसार यह बात सामने आई है कि वे लोग जो तनाव से ग्रस्त थे, वे केला खाने के बाद कुछ अच्‍छा महसूस कर रहे थे। ऐसा सिर्फ इसलिये हुआ क्‍योंकि केले में ट्रायफोटोपन और प्रोटीन, पाया जाता है, जो कि दिमाग को आराम देता है। 4.
दिमाग तेज करना- अगर बच्‍चों को दिमाग तेज करना हो तो उन्‍हें रोजाना नाश्ते में केला खाने की आदत डालनी चाहिए। परीक्षा के दौरान बच्चों को केला खिलाने से उनका थके हुए दिमाग में एनर्जी भर जाती है और वह परीक्षा बहुत अच्छी तरह से दे सकते हैं।
पाचनक्रिया- केले में रेशा ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो पाचनक्रिया को मजबूत बनाता है। गैस्‍ट्रिक से ग्रस्त लोगो के लिये केला बहुत असरकारक उपचार है। वे लोग जो ट्रैवेलिंग की तैयारी कर रहें हैं उन्‍हें अक्‍सर कब्‍ज परेशान करती है। इसको दूर करने के लिये वे केले को अपने साथ ले जा सकते हैं।
एनीमिया- एनीमिया अर्थात खून की कमी से ग्रस्त लोगों को अपनी Diet में केला जरूर शामिल करना चाहिये। यह खून में हीमोग्‍लोबिन की मात्रा को बढाता है। जिससे खून की कमी दूर हो जाती है।
अनिद्रा- एक सर्वे के मुताबिक रोजाना दूध के साथ केला और शहद मिलाकर पीने से अनिद्रा अर्थात नींद न आने की समस्‍या दूर हो जाती है।

Tuesday, November 26, 2013

garbh nirodhak for men



प्रेगनेंसी से बचने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही गर्भनिरोधक का सहारा ले सकते हैं।

अनचाही प्रेगनेंसी

       आज के नवविवाहित जोड़े गर्भनिरोध को लेकर पहले से काफी जागरुक हो गए हैं। इसी कारण से अनचाही प्रेग्नेंसी और यौन रोगों से बचने के लिए वे गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करते हैं। इस समय स्त्री और पुरुष दोनों के लिए मार्किट में बहुत से ऐसे गर्भनिरोधक मौजूद हैं, जो अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने में उपयोगी साबित होते हैं। वैसे भी तेजी से बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए आज के समय में गर्भनिरोधक का उपयोग काफी बढ़ गया है।

      प्रेगनेंसी से बचने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही गर्भनिरोधक का सहारा ले सकते हैं। लेकिन यहां पर हम खास तौर से पुरुषों के बारे में बात कर रहे हैं कि पुरुष किस तरह से अनचाही प्रेगनेंसी को रोक सकते हैं। पुरुष चाहें तो अपने आपको सेक्स के प्रति बहुत कंट्रोल करके रख सकते हैं। वैसे यह इतना आसान नहीं होगा। वहीं आप कंडोमनसबंदी और वीर्य को योनि में न निकालना और ऑउटरकोर्स का भी सहारा ले सकते हैं। यह सभी अलग-अलग स्तर पर अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने में असरकारक होते हैं। कोई भी गर्भनिरोधक तकनीक पूरे सौ  प्रतिशत सुरक्षित नहीं होती है और अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने में सबमें किसी न किसी तरह का जोखिम रहता है। इसलिए आपको हमेशा सावधानी रखनी होगी और अगर गर्भनिरोधक का तरीका फेल हो जाए तो आने वाले बच्चे के लिए तैयार भी रहना होगा।

        कोई भी गर्भनिरोधक तभी असरकारक होगा जब इसके साथ दिए वाले दिशा-निर्देश पर पूरी तरह से अमल किया जाए या विशेषज्ञों से राय ली जाए। यहां तक कि 3 प्रतिशत मामलों में कंडोम भी किसी न किसी डिफेक्ट के कारण फेल हो जाता है। ऐसी चेतावनी कंडोम के पैकेज पर भी लिखी होती है, ताकि आप किसी भी अनहोनी के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। दूसरे गर्भनिरोधक जैसे आउटरकोर्स या विथड्राउअल बहुत ज्यादा जोखिम भरा होता है, जिससे यह ज्यादा प्रभावी नहीं होते हैं। आइए हम आपको पुरुष गर्भनिरोधक के बारे में विस्तार से बताते हैं-

कंडोम- यह सबसे चर्चित गर्भनिरोधक माना जाता है, क्योंकि इसे इस्तेमाल करना बहुत आसान है। अगर इसका इस्तेमाल सावधानी से किया जाए तो यह बहुत ज्यादा असरकारक होता है। कंडोम के चर्चित होने की एक वजह यह भी है कि इसके जरिए जरिए सेक्स का पूरा आनंद प्राप्त किया जा सकता है।

आउटरकोर्स - अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने के लिए पुरुष आउटरकोर्स का सहारा भी ले सकते हैं। इसमें इंटरकोर्स की सारी क्रियाएं होती है, पर एक्चुअल पेनिट्रेशन नहीं होता है। वैसे तो यह प्रेगनेंसी रोकने में पूरी तरह कामयाब है,लेकिन इसके इस्तेमाल के दौरान आपको ध्यान रखना होगा कि एक्चुअल पेनिट्रेशन न हो।

विथड्राउअल टेक्निक- इसे पुल आउट मेथड भी कहते हैं। नाकाम होने की संभावना इसमें भी होती है लेकिन 4-5 प्रतिशत। इस तकनीक में स्खलन योनि के अंदर न करके बाहर किया जाता है। यानी सेक्स के दौरान जब स्खलन होने वाला होता है, तो लिंग को योनि से बाहर निकाल लिया जाता है। इससे वीर्य अंदर प्रवेश नहीं करता है।

4. नसबंदी - नसबंदी एक प्रकार की सजर्री होती है, जिसमें पुरूष की शुक्रवाहिका को काट दिया जाता है या बंद कर दिया जाता है। वैसे नसबंदी कराने के बाद आप फिर से सामान्य हो सकते हैं, पर यह हर बार संभव नहीं है। दूसरे बांझपन की तरह नसबंदी को भी अनचाहे गर्भ को रोकने का स्थाई समाधान माना जाता है। आमतौर पर नसबंदी तब कराई जाती है, जब पुरुष यह तय कर ले कि अब उसे बच्चा नहीं चाहिए।
मासिक धर्म - मासिक धर्म के दौरान आप स्त्री के साथ खुलकर सेक्स करके और बाकी दिनों में इससे दूरी बनाकर अनचाही प्रेगनेंसी को रोक सकते हैं। लेकिन इस दौरान सेक्स करने के लिए कंडोम और विथड्राउल टेक्निक का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

insaan ki keemat


एक मनुष्य की कीमत मालूम करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वह तो अनमोल है।
इंसान की कीमत
       
अपने पिता के साथ दुकान में काम कर रहे एक बच्चे ने अपने पिता से  पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत है ?”


पिताजी अपने छोटे से बच्चे के मुंह ऐसा गंभीर सवाल सुनकर हैरान रह गये।
फिर वे बोले बेटे एक मनुष्य की कीमत मालूम करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वह तो अनमोल है।
बच्चा क्या हर मनुष्य उतना ही कीमती और खास हैं ?
पिताजी हां बेटे।
बच्चा को कुछ समझ नही आया इसलिए उसने फिर सवाल किया तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यो है?
किसी को कम इज्जत मिलती है तो किसी की ज्यादा क्यो?
अपने बच्चे के इस सवाल को सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बच्चे से दूसरे कमरे में पड़ी एक लोहे की रॉड लाने के लिए कहा।
रॉड को हाथ में लेकर पिताजी ने पूछा इसकी क्या कीमत होगी?
बच्चा 100 रूपये।
पिताजीअगर मै इसकी बहुत छोटी-छोटी कील बना दूं तो इसकी क्या कीमत हो जायेगी?
बच्चा कुछ देर सोचकर बोलातब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 500 रूपये का।
पिताजी अगर मै इस रॉड से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो?
बच्चा कुछ देर तक हिसाब लगाता रहा और फिर एकदम से उत्साहित होकर बोला तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जायेगी.
पिताजी ने उसे समझाते हुए बोले – “ठीक इसी तरह मनुष्य की कीमत इसमे नही है की अभी वो क्या है, बल्कि इसमे है कि वह अपने आपको क्या बना सकता है.
बच्चा अब तक अपने पिता की बात समझ चुका था।


Nimbu ke gun



नींबू के गुण


नींबू एक ऐसा फल है जो आता तो फल की श्रेणी में है लेकिन काम करता है सब्जियों में। किसी भी सब्जी में अगर नींबू का रस मिला दिया जाए तो उस सब्जी का स्वाद और ज्यादा बढ़ जाता है। यह फल न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि विटामिन सी से भरपूर भी है। नींबू में दूसरे भी कई तत्व पाए जाते हैं जिनकी वजह से नींबू कई रोगों में दवा की तरह भी काम करता है। खासतौर से पेट से संबंधित परेशानियों के लिए नींबू का प्रयोग कई तरीकों से किया जाता है। नींबू के ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में आप कई छोटी-मोटी परेशानियों से छुटकारा पा सकते है-
नींबू के रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर इसे गर्म करके सिरप जैसा बना लें। इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से पित्तरोग में लाभ मिलता है।
हैजा के रोग में नींबू का पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए क्योंकि इसको पीते रहने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती।
अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो रोजाना सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं। इसको नियमित रूप से पीने से वजन कुछ ही दिन में कम हो जाता है।
अगर बालों में रूसी है तो थोड़ी देर के लिए बालों की जड़ों में नींबू का रस लगाकर ऐसे ही रहने दें। इसके कुछ देर के बाद सिर को धोने से रूसी से छुटकारा मिल जाता है।
बहरेपन के रोग में नींबू के रस और दालचीनी के तेल को एकसाथ मिलाकर कान में डालने से लाभ होता है।
लगभग आधा कप गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
अगर सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम परेशान करता हो तो आधे नींबू के रस को 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है।
आजकल के समय में बालों के झड़ने से आदमी और औरत दोनों ही परेशान है। नींबू इस रोग में बहुत लाभ करता है। नींबू  के बीजों को पीसकर सिर में गंज वाले स्थान पर लगाने से गंजापन दूर होता है। इसे नारियल के तेल में मिल कर लगाने से बालों का झडऩा रूक जाता है।

Monday, November 25, 2013

Healthy sex



अपने पार्टनर की पसंद-नापसंद का ख्याल रखें कि उसे किसी तरह का सेक्स पसंद है

Healthy sex


कोई भी इंसान चाहे वह लड़का हो या लड़की, सबकी सोच यही होती है कि मुझे किसी न किसी तरह सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को संतुष्ट करना है। बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं जो पहली बार सेक्स करते हैं औऱ पहली रात को ही उत्तेजना में भरकर कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं कि जिसके कारण उन्हे अपने पार्टनर की नजरों में गिर जाना पड़ता है। ऐसे ही नवयुवकों के लिए पेश हैं कुछ ऐसे सेक्स टिप्स जिन्हे अपनाकर वह अपनी सेक्स लाईफ को खुशनुमा बना सकते हैं और अपने पार्टनर को भी खुश रख सकते हैं-
  • सेक्स के दौरान इस सोच को अपने दिमाग से बिल्कुल निकाल दें कि मुझे अपने पार्टनर पर हावी होना है। जहां तक हो अपनी उत्तेजना को काबू में रखने की कोशिश करें।
  • अपने पार्टनर की पसंद-नापसंद का ख्याल रखें कि उसे किसी तरह का सेक्स पसंद है और किसी तरह के सेक्स में उसे परेशानी होती है।
  • सेक्स के दौरान अपने शरीर से आने वाली सुगंध या दु्र्गंध का पूरा ख्याल रखे। कहीं ऐसा न हो कि आप कोई ऐसा प्रफ्यूम या डियोररेंट लगाकर आ जाएं जिससे कि आपके पार्टनर को एलर्जी हो।
  • सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से थोड़ी-बहुत बातें भी करते रहें जिससे आपको उसकी फीलिंग भी पता चलती रहे।
  • अप्राकृतिक सेक्स से हमेशा बचे क्योंकि लड़कियों हमेशा नेचुरल सेक्स पसंद करती है और अप्राकृतिक सेक्स से उन्हे नफरत होती है।
  • बहुत सी लड़कियां होती है जिन्हे सेक्स के बारे में कोई नॉलेज नहीं होती और उन्होनें इस बारे में सिर्फ अपनी सहेलियों आदि से सुना होता है। ऐसी लड़कियों के मन में हमेशा सेक्स को लेकर एक डर होता है कि सेक्स के दौरान खून निकलता है, बहुत दर्द होता है आदि। इसलिए सेक्स की शुरूआत करने से पहले अपने पार्टनर से बात कर लें और उसे अच्छी तरह समझाकर संतुष्ट कर लें कि सेक्स से कोई परेशानी नहीं होती और फिर इस क्रिया की शुरूआत करें। क्योंकि जब तक सेक्स के दौरान दोनों सहयोग नहीं देंगे तब तक इस क्रिया में मजा नहीं आएगा।
  • बहुत से नवयुवक सेक्स का अधूरा ज्ञान रखते हैं जिसके कारण वह इस खुशी के पल को पूरी तरह बर्बाद कर देतें है। उनके मन में कुछ ऐसी बातें होती है जिनके बारे में उनको जानकारी होना बहुत जरूरी है जैसे लिंग के आकार को लेकर उनके मन में हमेशा शंका रहती है क्योंकि उन्होनें सुना होता है कि लिंग का आकार जितना बड़ा होगा लड़की उतनी ही ज्यादा संतुष्ट होगी। लेकिन यह बात सही नहीं है। असल में  सेक्स क्रिया के दौरान लिंग का आकार नहीं बल्कि यह बात मायने रखती है कि आप उस क्रिया के लिए कितनी देर तक ठहर पाते हैं। अगर आपके लिंग का आकार छोटा है लेकिन फिर भी आपकी इस क्रिया में लगभग 5 मिनट तक लगा देते हैं तो आपको किसी तरह की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि इतना समय सेक्स की बहुत अच्छी प्रफोरमेंस में गिना जाता है। इतने समय में स्त्री भी पूरी तरह से संतुष्ट हो जाती है।
  • बहुत से युवक होते हैं जो बचपन से गलत आदतों के चक्कर में पढ़कर जैसे हस्तमैथुन करके अपना वीर्य बर्बाद करते रहते हैं और जब शादी का समय आता है तो उनको लगता है कि अब मै क्या करूंगा क्योंकि मै तो अपना सारा वीर्य हस्तमैथुन करके बर्बाद कर चुका हुं। अब न तो मै शादी के बाद अपनी बीवी को खुश रख पाऊंगा और न ही बाप ही बन पाऊंगा। इसी कारण से ऐसा लोग शादी होने के बाद मानसिक तनाव के कारण सेक्स का पूरा मजा नहीं उठा पाते और अपने साथ अपने पार्टनर को भी दुखी करते है। ऐसे लोगों को बताना जरूरी है कि उन्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वीर्य बनने का प्रोसीजर एक ऐसा प्रोसीजर है जो अपने आप होता रहता है। आज आप जितना वीर्य निकालेंगे, दूसरे दिन उतना वीर्य दुबारा से बन जाएगा। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है जो एक तरह से करना जरूरी भी है क्योंकि अगर वीर्य शरीर में ज्यादा बन जाएगा तो वह नाईटफॉल के जरिये निकल जाएगा क्योंकि उसको तो शरीर से निकलना ही है तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन अब आप यह मत सोचना कि डॉक्टर राशि ने बोल दिया कि यह एक नेचुरल क्रिया है तो हम जितना मर्जी हस्तमैथुन करें क्योंकि कोई भी चीज अगर एक लीमिट तक हो तो ठीक है लेकिन अगर वह जरूरत से ज्यादा हो जाए तो परेशानी पैदा कर सकती है।

Mental tention

ऐसा कहते हैं जब भी आपको कोई बात बुरा लगे या फिर कुछ समझ में न आएं तो थोड़ा हल्‍का- फुल्‍का भोजन कर लें।
Mental tention
      आज के समय में जिन्‍दगी में तनाव ए‍क दिनचर्या का हिस्‍सा बन चुका है। तनाव, कई तरह के रोगों को जन्म देता है। तनाव होने से मा‍नसिक और शारीरिक परेशानियां जन्म लेती है। ज्‍यादा काम करने की वजह से,  अस्‍त-व्‍यस्‍त जिन्‍दगी और भोजन करने का कुछ नियमित समय और ढंग न होने से भी तनाव बढ़ता है।

       तनाव आज के समय  में बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोगों के बीच एक बड़ी समस्‍या बनता जा रहा है, जिसके बारे में जानना और इस दूर करना,  दोनों ही जरूरी है। लोग तनाव दूर करने के लिए कई तरह के तरीके आजमाते है, कोई भोजन बनाता है, कोई जोर-जोर से बोलता है, कोई कुछ न कुछ खाता रहता है या फिर अपनी पसंद के गाने सुनता है। ऐसा कहते हैं जब भी आपको कोई बात बुरा लगे या फिर कुछ समझ में न आएं तो थोड़ा हल्‍का- फुल्‍का भोजन कर लें। इसके लिए मीठे चिप्स सबसे ज्‍यादा अच्छे रहते हैं। कुछ लोग इस पर यकीन नहीं करते है, लेकिन यह साबित हो चुका है। वैसे इस बात के कुछ लॉजिकल फैक्‍ट है जो इस प्रकार है-

1. हार्मोंस: जब भी हमारे दिमाग में तनाव पैदा होता है, उस दौरान दिमाग को प्रसन्न रखने वाले हार्मोंसों का स्राव नहीं होता है। अगर आप कुछ चिप्स खाते हैं तो दिमाग कहीं ओर लग सकता है और आपके दिमाग व शरीर में ऐसे हार्मोंस पैदा होते हैं जो तनाव को दूर भगा देते है। इसके अलावा, शरीर का एनर्जी लेवल भी बढ़ जाता है। अगली बार से आप जब भी खुद को तनाव में महसूस करें तो कुछ मीठा खा लें।

2. हेल्‍दी: कुछ हल्‍का-फुल्‍का और पाचक खाने से शरीर हमेशा स्‍वस्‍थ रहता है, क्‍योंकि इसका पाचन करने बॉडी को ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। कुछ फूड्स हेल्‍दी और हल्के होते हैं जिन्‍हे कभी भी और कहीं भी खा सकते हैं जैसे - फ्रूटस, बेरी, डार्क चॉकलेट, दूध से बने प्रोडक्‍ट आदि। ये सभी प्रकार के फूड तनाव को दूर करते है।

3) शांत: स्‍नैकिंग ही सबसे अच्छा तरीका है जिससे दिमाग का तनाव दूर सकते हैं। जब भी आप कुछ खाते हैं तो आपका दिमाग, तनाव से हटकर भोजन पर लग जाता हैं। दिमाग को तनाव रहित करने के लिए आप अपनी पसंद का कुछ भी खा सकते हैं। आप यह अच्छी तरह जान लें कि दिमाग को तब तक आराम नहीं मिलता है, जब तक आप तनाव में रहते हैं।

 4) मेटाबोलिज्‍म में सुधार : अच्‍छा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन खाने से तनाव के दौरान मेटाबोलिज्‍म में सुधार होता है और तनाव अपने आप कम होने लगता है। स्वास्थ्यवर्धक स्‍नैक्‍स, शरीर को एनर्जी देते हैं और इससे मेटाबोलिज्‍म सिस्‍टम अच्‍छा हो जाता है। यह ज्यादा लम्‍बे समय के लिए नहीं होता है लेकिन तुंरत दिमाग को राहत मिल जाती है। इसके अलावा, अच्‍छा भोजन में पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में होते हैं और इससे शरीर को एनर्जी मिलती है। कुल मिलाकर मेटाबोलिज्‍म सिस्टम को भी स्नैकिंग सुधार देता है।

 5) मूड को चैंज करता है : तनाव से मूड भी खराब हो जाता है। अगर आप दिमाग में कुछ तनाव महसूस कर रहे है या किसी काम में आपका मन नहीं लग रहा है तो मीठे या हल्‍का-फुल्‍के स्‍नैक खा सकते हैं। डार्क चॉकलेट, मूड को अच्‍छा और फ्रेश बना देता है। इसके सेवन से शरीर में तनाव दूर करने वाले हार्मोंस पैदा होते है। मूड बदलने से आपका सोचने का तरीका और व्‍यवहार दोनों ही बदल जाते हैं और किसी भी काम को आप अच्‍छे तरीके से कर सकते है। इसलिए आप कह सकते है कि स्‍नैकिंग, तनाव दूर करने का सबसे अच्‍छा तरीका है।



Seb ke gun




सेब में एण्टी आक्सिडेंट्स पाया जाता है जो कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता हैं और दिल का ख्याल भी रखता है।
सेब
       सेब के बारे में एक कहावत है कि अगर आप एक सेब रोजाना खाते हैं तो आप कभी बीमार नहीं होंगे।

  • जिन्हें लगता है कि उन पर मोटापा चढ़ रहा है वह बिना किसी टेंशन के सेब खा सकतेल हैं क्योंकि सेब में 0 कैलोरी होती है और जो महाशय पतले-दुबले हैं उनके लिए तो सेब खाना जरूरी भी हैं क्योंकि सेब शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को मजबूती भी प्रदान करता है। साथ में यह हर प्रकार की थकान को भी दूर करता है।
  • सेब में एण्टी आक्सिडेंट्स पाया जाता है जो कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता हैं और दिल का ख्याल भी रखता है।
  • सेब में फारफोरस, आयरन, पोटैशियम, कैंल्शियम, , मैग्नीशियम, कापर और जिंक पाया जाता है जो आपकी त्वचा को सुंदर बनाने में मदद करता है।
  • नियमित रूप से सेब खाने से आपके चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते हैं इसलिए रोजाना नाश्ते में 1 सेब और एक गिलास का दूध जरूर लेना चाहिए।
  • सेब पाचनशक्ति को मजबूत करता है जिससे भूख खुलकर लगती है और खाया-पिया भी शरीर को लगता है।
  • सेब की जेली चेहरे पर लगाने से त्वचा सुंदर आर मुलायम बनती है, इसलिए अगर आप चाहते हैं भीड़ में सबसे अलग दिखना तो सेब को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।

Friday, November 22, 2013

Dandruff problum



 रूसी तो आजकल की एक ऐसी समस्या है जिससे आदमी, औरत, बच्चे सभी परेशान है। इसमें सिर के बालों में छोटे छोटे सफेद सफेद छिलके से हो जाते है। यह वैसे तो सामान्यतः हर किसी के बालों में होते हैं लेकिन जब ये बढ जाते है तो एक समस्या बन जाते हैं। समस्या बनने के बाद ये बालों के साथ-साथ सिर की त्वचा पर भी असर  डालते हैं। इसके कारण सिर में तेज खुजली के साथ-साथ हल्की सूजन भी आ जाती है। इसके साथ ही यह रूसी भौंहौ ,पलकों ,ठुड्डी के ऊपर.कान के पीछे, नथुनों के बगल में जमा होकर seborrhic dermstitis का रूप ले लेती है।
कारण-
रूसी होने का सबसे प्रमुख कारण pityrosporum  ovale/mellasezia furfur नामक कवक है जो  हमारे शरीर पर सामान्यतः उपस्थित होता है। सामान्य तौर पर यह शरीर में किसी तरह का कोई रोग आदि  पैदा नहीं करता लेकिन जब यह बढ जाता है तब सारी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
चिकित्सा-

  • रूसी को दूर करने की सबसे पहली शर्त है अपने सिर की सफाई रखना। ध्यान रहे रूसी सबसे पहले गंदे सिर या बालों में ही होती है।
  • बालों को रोजाना धोना चाहिए। बहुत से लोगों का कहना है कि रोजाना बाल धोने से कमजोर होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप रोजाना बालों को नहीं धो सकती तो एक दिन छोड़कर एक दिन तो बालों को जरूर धोना चाहिए।
  • बालों को धोने के लिए कभी भी साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि साबुन में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स बालों की जड़ों को कमजोर बनाते हैं।
  • बालों को धोने के लिए शैंपू हमेशा अच्छी कंपनी का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • गीले बालों को कभी नहीं बांधना चाहिए। जहां तक हो सके पहले बालों को सुखा लें और फिर बांधे।
  • बालों को धोने के बाद उनमें कंडीशनर करना भी एक अच्छा तरीका है बालों को स्वस्थ रखने का। इससे बालों में रूसी भी नहीं होती और चमक भी बनी रहती है।
  • अपने बालों में सरसो या जैतून के तेल की मालिश जरूर करनी चाहिए। अगर आप ऑफिस आदि में काम करती है तो रात को सोने से पहले तेल की मालिश कर सकती है क्योंकि इससे पूरी रात आपके बालों में अच्छी तरह समा जाएगा और सुबह आप बालों को धोंएगी तो तेल उनमें नजर भी नहीं आएगा।