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Friday, December 6, 2013

health information


मधुमेह: करेले और गाजर के रस को मिलाकर पीने से मधुमेह रोग में बहुत लाभ मिलता है।
पीलिया: पीलिया रोग में गन्ना रामबाण माना जाता है। गन्ना चूसने और उसका रस पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है। इसके अलावा भुनी हुई जौ के सतू को गुड के रस में घोलकर भी प्रयोग कर सकते हैं। पीलिया रोग में बताशे का शर्बत भी फायदेमंद रहता हैं।
पथरी पथरी से ग्रस्त रोगी को 25 मिलीलीटर पालक के रस को दिन में 3-4 बार पिलाने से लाभ मिलता है।
सफेद दाग: खैर का छिलका, बड़ी इलायची, लौंग, आंवला और पीला संखिया को एकसाथ बराबर मात्रा में मिलाकर अच्छी तरह खरल कर लें। बीच-बीच में इस मिश्रण के अंदर नींबू का रस भी मिलाते रहें। खरल होने के बाद इस मिश्रण को सफ़ेद दागों पर मलने से लाभ होता है।

गठिया: गठिया से पीड़ित रोगी को धूप में बैठकर अदरक, मूली और पत्तागोभी का रस कप भरकर पिलाएं। मूली के बीजों को पीसकर तिल्ली के तेल में भून लें और फिर गठिया से ग्रस्त अंगों पर लेप करके पट्टी बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में गठिया रोग दूर हो जाता है।
लकवा: आक के पत्तों को तेल में पकाकर लकवाग्रस्त अंगों पर मल दें। फिर आक के एक पत्ते पर वही तेल लगाकर कर रोगी के बांध दें। इससे 1 सप्ताह में लकवा रोग में लाभ मिल जाता है।
एक्ज़ीमा: एक्ज़ीमा रोग होने पर सोयाबीन का दूध रामबाण की तरह असर करता है।  

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