- घर
में सफाई पर खास ध्यान दें, विशेषकर रसोई तथा शौचालयों पर। पानी को
कहीं भी इकट्ठा न होने दें। सिंक, वॉश बेसिन आदि
जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करें तथा फिनाइल, फ्लोर
क्लीनर आदि का उपयोग करती रहें। खाने की किसी भी वस्तु को खुला न छोड़ें।
कच्चे और पके हुए खाने को अलग-अलग रखें। खाना पकाने तथा खाने के लिए उपयोग
में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन
आदि को भी साफ रखें। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखें, न ही
बिना सूखे डिब्बों आदि के ढक्कन लगाकर रखें।
- खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑइल (जैसे सोयाबीन, सनफ्लॉवर, मक्का या ऑलिव ऑइल) के प्रयोग को प्राथमिकता दें। खाने में शकर तथा नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करें। जंकफूड, सॉफ्ट ड्रिंक तथा आर्टिफिशियल शकर से बने ज्यूस आदि का उपयोग न करें। कोशिश करें कि रात का खाना आठ बजे तक हो और यह भोजन हल्का-फुल्का हो।
- अपने विश्राम करने या सोने के कमरे को साफ-सुथरा, हवादार और खुला-खुला रखें। चादरें, तकियों के गिलाफ तथा पर्दों को बदलती रहें तथा मैट्रेस या गद्दों को भी समय-समय पर धूप दिखाकर झटकारें।
- मेडिटेशन, योगा या ध्यान का प्रयोग एकाग्रता बढ़ाने तथा तनाव से दूर रहने के लिए करें।ताजी सब्जियों-फलों का प्रयोग करें। उपयोग में आने वाले मसाले, अनाजों तथा अन्य सामग्री का भंडारण भी सही तरीके से करें तथा एक्सपायरी डेट वाली वस्तुओं पर तारीख देखने का ध्यान रखें।
- बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने, बैक्ड तथा गरिष्ठ भोजन का उपयोग न करें। खाने को सही तापमान पर पकाएं और ज्यादा पकाकर सब्जियों आदि के पौष्टिक तत्व नष्ट न करें। साथ ही ओवन का प्रयोग करते समय तापमान का खास ध्यान रखें। भोज्य पदार्थों को हमेशा ढंककर रखें और ताजा भोजन खाएं।
- खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल-अनाज आदि का प्रयोग अवश्य करें। कोशिश करें कि आपकी प्लेट में 'वैरायटी ऑफ फूड' शामिल हो। खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।
- कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें, जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे तो दफ्तर या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें। कोशिश करें कि दफ्तर में भी आपको बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठा रहना पड़े।
- 45 की उम्र के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें और यदि डॉक्टर आपको कोई औषधि देता है तो उसे नियमित लें। प्रकृति के करीब रहने का समय जरूर निकालें। बच्चों के साथ खेलें, अपने पालतू जानवर के साथ दौड़ें और परिवार के साथ हल्के-फुल्के मनोरंजन का भी समय निकालें।
There are a lot of information about health. This is very useful for everyone. everyone can read, share, comment in this blog.
Saturday, March 22, 2014
health tips
healthy life-2
हेल्दी बने रहने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते, कोई मार्निंग वॉक पर जाता है तो कोई योगा व
एक्सरसाइज करता है। लेकिन वर्तमान में हेल्दी व एनर्जी से भरपूर बने रहने के लिए
सबसे ज्यादा हेल्थ ड्रिंक्स के इस्तेमाल का चलन बढ़ता जा रहा है। आजकल बाजार में
कई तरह के हेल्थ ड्रिंक्स या एनर्जी ड्रिंक मौजूद हैं। ये ड्रिंक्स आपको दिनभर
एनर्जी से भरा व सेहतमंद रखने का वादा करते हैं लेकिन वास्तविकता तो यह है
कि नेचुरल और घरेलू हेल्थ ड्रिंक्स से अच्छी कोई ड्रिंक नहीं है। अगर आप ऊर्जा से भरपूर रहना चाहते हैं तो बाजार में मिलने वाले हेल्थ ड्रिंक्स
नहीं बल्कि घर पर बनाएं हेल्थ ड्रिंक्स का उपयोग करें...
एप्पल शेक- दिमाग की कमजोरी दूर करने के लिए सेब एक अचूक इलाज है। सेब का शेक बनाकर पीने से आप सारा दिन ऊर्जावान महसूस करेगें।
एप्पल शेक- दिमाग की कमजोरी दूर करने के लिए सेब एक अचूक इलाज है। सेब का शेक बनाकर पीने से आप सारा दिन ऊर्जावान महसूस करेगें।
नींबू और शहद जूस- रोजाना सुबह खाली
पेट एक गिलास पानी में एक नींबू और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर को एनर्जी
मिलती है।
चीकू शेक- चीकू शेक पीने से
शरीर में विशेष प्रकार की ताजगी और फुर्ती आती है। इसमें शर्करा की मात्रा अधिक
होती है। यह खून में घुलकर ताजगी देती है। चीकू शेक से आंतों की शक्ति बढ़ती है और
आंतें अधिक मजबूत होती हैं।
गाजर का जूस- गाजर में विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स
सबसे अधिक पाए जाते हैं। इसके प्रयोग से आप अपनी एनर्जी लेवल को अप कर सकते हैं।
Friday, March 21, 2014
some tips for vaidikkalin food
'वैदिककालीन' भोजन संबंधी कुछ नियमों को जानते हैं:
- पांच अंग ( दो हाथ , २ पैर एवं मुँह) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करना चाहिए।
- गीले पैर भोजन करने से आयु में वृद्धि होती है।
- प्रातः और सायंकाल' दिन में सिर्फ दो बार ही भोजन का विधान है।
- पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुँह करके ही भोजन करना चाहिए।
- दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके किया हुआ भोजन प्रेतों को प्राप्त होता है।
- पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन करने से रोग की वृद्धि होती है।
- शैय्या पर बैठकर, हाथ पर रख कर तथा टूटे-फूटे बर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए।
- मल मूत्र का वेग होने पर, कलह के माहौल में, अधिक शोरगुल में, पीपल एवं वट-वृक्ष के नीचे भोजन नहीं करना चाहिए।
- परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए।
- खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति करके उनका धन्यवाद देते हुए तथा सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो ईश्वर से ऐसी प्रार्थना करके भोजन करना चाहिए।
- भोजन बनाने वाले व्यक्ति को स्नान करके ही शुद्ध मन से, मन्त्रों का जाप करते हुए ही रसोई में भोजन बनाना चाहिए।
- सबसे पहले गाय, कुत्ता, और कौवे हेतु ३ रोटियाँ अलग निकालने के बाद अग्नि देव का भोग लगा कर ही घर वालों को खिलाएँ।
- ईर्ष्या, भय, क्रोध, लोभ, रोग, दीन भाव एवं द्वेष भाव के साथ किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है।
- आधा खाया हुआ फल अथवा मिठाईयाँ आदि पुनः नहीं खानी चाहिए।
खाना छोड़ कर उठ जाने पर दोबारा भोजन नहीं करना चाहिए। - भोजन के समय मौन रहना चाहिए।
- भोजन को बहुत चबा-चबा कर ही ग्रहण करना चाहिए।
- रात्री में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिए।
- गृहस्थ को ३२ ग्रास से ज्यादा भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- सबसे पहले मीठा, फिर नमकीन व अंत में कडुवा भोजन करना चाहिए।
- सबसे पहले रस दार, बीच में गरिष्ठ तथा अंत में रसीला भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- थोडा खाने वाले को आरोग्य, आयु, बल, सुख, सुन्दर संतान, और सौंदर्य प्राप्त होता।
- ढिंढोरा पीट कर खाना खिलाने वालों के यहाँ कभी कुछ ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- कुत्ते का छुआ हुआ, रजस्वला स्त्री का परोसा हुआ, श्राध का निकाला हुआ, बासी, मुँह से फूंक कर ठंडा किया हुआ, बाल गिरा हुआ, बासा तथा अनादर युक्त एवं अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन कभी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- कंजूस के यहाँ का, राजा के यहाँ का, वेश्या के हाथ का बना अथवा परोसा हुआ तथा शराब बेंचने वाले के यहाँ का भोजन कभी नहीं करना चाहिए।
sex power kaise badayen
यौन-शक्ति के अभाव मे एक बेहतरीन रोमांटिक माहौल में भरपूर तैयारी के साथ बनाया गया संबंध कारगर साबित नही होता है और आप यौन-सुख से वंचित रह जाते है। जिन व्यक्तियों में यौन-शक्ति का अभाव होता है वह सेक्स के दौरान थो़डी देर मे ही खुद को कमजोर महसूस करने लगते है। इस अभाव के कारण अधिकतर लोगो में शामिदंर्गी का बोध बढ जाता है और वह अपने साथी के साथ यौन-संबंध बनाने मे झिझकने लगते हैं। हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिससे कि आप अपनी यौन शक्ति को बढा सकते हैं।
लहसुन:- कच्चो लहसुन की 2-3 कलियो का प्रतिदिन सेवन करना यौन-शाक्ति बढ़ाने का बेहतरीन घरेलु उपचार है। प्याज:- लहसुन के बाद प्याज एक और कारगर उपाय है। सफेद कच्चो प्याज का प्रयोग अपने नित्य आहार मे करें
काले चने:- काले-चने से बने खाद्य-पदार्थ जैसे डोसा आदि का हफ्ते मे 2-3 बार प्रयोग काफी लाभकारी होता है।
गाजर:- 150 ग्राम बारीक कटी गाजर को एक उबले हुए अंडे के आधे हिस्से मे एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में एक बार सेवन करे। इसका प्रयोग लगातार 1-2 महीने तक करें।
भिंडी:- प्राचीन भारतीय साहित्य के अनुसार 5-10 ग्राम भिंडी की ज़ड के पाउडर को एक गिलास दूध तथा दो चम्मच मिश्री मे मिलाकर नित्य सेवन करने से आपकी यौन-शक्ति कभी कम नही प़डेगी।
सफेद मूसली:- यूनानी चिकित्सा के अनुसार सफेद मूसली का प्रयोग भी बेहद लाभदायक होता है। 15 ग्राम सफेद मूसली को एक कप दूध मे उबालकर दिन मे दो बार पीने से यौन-शक्ति बढ़ती है।
सहजन:- 15 ग्राम सहजन के फूलो को 250 मिली दूध मे उबालकर सूप बनाए। यौन-टौनिक के रूप मे इसका सेवन करें।
अदरक:- आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच शहद तथा एक उबले हुए अंडे का आधा हिस्सा, सभी को मिलकर मिश्रण बनाए प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक महीने तक सेवन करें।
खजूर:- बादाम, पिस्ता खजूर तथा श्रीफल बीजो को बराबर मात्रा मे लेकर मिश्रण बनाएं। प्रतिदिन 100 ग्राम सेवन करें।
किशमिश:- 30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोएं 200 मिलीग्राम दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन करें। ध्यान रखिए की प्रत्येक बार ताजा मिश्रण तैयार करें। धीरे धीरे 30 ग्राम किशमिश की मात्रा को 50 ग्राम तक करें।
Thursday, March 20, 2014
healthy life
Friends कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे हम जानते हैं कि हमें करना चाहिए पर फिर भी हम नहीं करते . उन्ही में से एक है . “अपनी सेहत पर ध्यान देना .”
हम कहते हैं “Health comes first” , पर हकीकत में हम इसे last preference देते हैं।
हम कहते हैं “Health is wealth”, पर जीते ऐसे हैं मानो “Wealth is health”
हम कहते हैं “Health is wealth”, पर जीते ऐसे हैं मानो “Wealth is health”
हममें से 95% लोग ऐसा ही करते हैं ; और मैं भी उन्ही 95% लोगों में हूँ या कह सकते हैं कि तीन दिन पहले तक था ..जो अपनी health पर ध्यान नहीं देते …. पर अब मैं 5% ध्यान देने वालों के group में jump करना चाहता हूँ . शुरुआत तीन दिन पहले की है , पिछले तीन दिनों से मैं सुबह उठ कर exercise कर रहा हूँ … इसे जारी रख पाऊँ ऐसी उम्मीद करता हूँ , और आज publicly इस बारे में बता कर शायद मैं इस दिशा में और भी मजबूती से बढ़ पाउँगा … let’s see!!!
और ऐसा नहीं है कि ये पहली बार शुरू किया है … पहले भी कई शुरुआत कर चुके हैं पर कुछ दिनों बाद आप जानते ही हैं क्या होता है …. और कैसे नहीं जानेंगे आपके साथ भी तो यही होता आया है …
पर मैं इस बार पीछे नहीं हटने वाली , अपनी daily routine में मैं exercise को ज़रूर include करूँगी और तब तक करूँगी जब तक ये brush करने या रोज नहाने जितना आम ना हो जाये …मेरी habit में ना आ जाये …
तो इसके लिए मैं क्या करने वाली हूँ ; इस बारे में बताती हूँ पर उससे पहले आइये समझने की कोशिश करते हैं कि हम अपनी health को ignore क्यों करते रहते हैं :
क्योंकि हमें प्यास लगने पे कुआँ खोदने की आदत है :
अधिकतर लोग बिजली बिल / टेलीफोन बिल कब जमा करते हैं ….last day पर … जब तक काम सर पर नही आ जाता हम उसे टालते रहते हैं … और यही health के साथ भी होता है ….. चूँकि अभी हमारी health normal है , इसलिए हमे इस और ध्यान देने की कोई urgency नहीं लगती , लगता है सब ठीक ही तो है , फिर अभी walk पे जाने की , jogging करने की क्या जल्दी है कुछ दिन बाद शुरू कर सकते हैं … but as we all know ऐसा हम कई सालों से सोचते आ रहे हैं, पर करते कभी नहीं .
हम सोचते हैं बुरी चीजें दूसरों के साथ ही हो सकती हैं :
Health के case में हम अपना बुरा कभी नहीं सोचते …. हाँ और चीजों में खूब बुरा सोच लेते हैं पर सेहत के मामले में हम अलग हैं …य़े जानते हुए भी की करोड़ों Indian diabetic हैं हम कभी नहीं सोचते की हमारी lazy lifestyle की वजह से हमें भी diabetes हो सकता है … हम इस ओर गलती से भी ध्यान नहीं देते कि अगर लाखों लोगों को young age में ही दिल की बीमारी हो रही है तो कल को हमें भी हो सकती है …मानो हम man नहीं superman हों !!!
हम सोचते हैं कि बाद में भी ध्यान दे दिया तो काम चल जायेगा :
पर ऐसा नहीं है , पहले तो ये “बाद ” जल्दी आता नहीं है , और दूसरा जिस वक़्त हम health को postpone करते जाते हैं उसी वक़्त हम bad health या बीमारी को advance करते जाते हैं . यानि हम खुद को समझा तो लेते हैं कि बाद में cover कर लेंगे पर जिस तरह school में शुरू से पढाई से जी चुराने वाला student कभी अंत में पढ़ कर 100% score नहीं कर पाटा , उसी तरह कोई इंसान सालों तक ignore करने के बाद अंत में ध्यान देने पर 100% health नहीं पा सकता , इसलिए हमे आज से ही इस direction में ध्यान देना चाहिए .
क्योंकि हमारा environment ऐसा है :
अगर आप सुबह walk पर जाएं तो आपको ज्यादातर old age people, या मोटापे से परेशान लोग ही दिखेंगे …ये वो हैं जिन्हे प्यास लग चुकी है , उनकी life में health issues आ चुके हैं …पर जो young हैं …अभी healthy हैं वो नदारद हैं … हमारा कोई दोस्त jogging पे नहीं जाता , gym के दर्शन नहीं करता इसलिए अगर हम नहीं करते तो क्या बुरा करते हैं ….friends, health पर ध्यान न देना दरअसल एक बीमारी है पर चूँकि 95% लोग बीमार हैं इसलिए इसे ही normal life मान लिया गया है …. पर as you know सच्चाई कुछ और ही है !
Well, अब मैं अपना plan बताती हूँ :
बड़ा simple है ; मैंने decide किया है कि मैं सुबह fresh होने के बाद का 30 minute exercise को दूंगी .
फिर चाहे मैं 6 बजे उठूँ या 9 बजे …ज़ब भी उठूंगा 30 minute health को दूंगा …. हम ब्रश के साथ भी तो यही करते हैं , isn’t it? क्या कोई ऐसा भी है जो देर से उठने पर brush नहीं करता …. सभी करते हैं … जब उठते हैं तब करते हैं … और वही मैं exercise के साथ करूँगी ….
इसमें क्या challenges आ सकते हैं ?
इससे मैं office के लिए late हो सकती हूँ …. मेरी आज plan की गयी blog post कल के लिए postpone हो सकती है …अखबार पढ़ने में gap हो सकता है …but let it be… हम हमेशा कहते हैं सेहत से बढ़कर कुछ नहीं , सेहत है तो दौलत है , and all that gyan … पर दिक्कत ये है कि सिर्फ कहते हैं practically कभी apply नहीं करते , इस बार मैं करने जा रहा हूँ …. मैं अपने आसपास मौजूद बीमार लोगों को देख रही हूँ और मैंने इस बार अंदर से महसूस किया है कि “healthy” रहने से बड़ा और कोई asset हो ही नहीं सकता …
एक छोटी सी कहानी सुनाती हूँ …
एक सेठ था ,वो दिन- रात business बढ़ाने में लगा रहता था , उसका goal था कि उसे शहर का सबसे अमीर आदमी बनना है . धीरे -धीरे उसने ये goal पूरा भी कर लिया , इस कामयाबी की ख़ुशी में उसने एक शानदार घर बनवाया। गृह प्रवेश के दिन उसने एक बहुत बड़ी पार्टी दी और जब सारे मेहमान चले गए तो वो अपने कमरे में सोने के लिए गया .
वो जैसे ही बिस्तर पर लेटा एक आवाज़ उसके कानो में पड़ी ,
” मैं तुम्हारी आत्मा हूँ … और अब मैं तुम्हारा शरीर छोड़ कर जा रही हूँ !!”
सेठ सकते में आ गया और बोला , ” अरे तुम ऐस नहीं कर सकती, तुम चली जाओगी तो मैं तो मर जाऊँगा …देखो मैंने कितनी बड़ी कामयाबी हांसिल की है… तुम्हारे लिए करोड़ों रूपये का घर भी बनवाया है … इतनी सुख -सुविधाएं तुम्हे कहीं नहीं मिलेंगी … यहाँ से मत जाओ …”
आत्मा बोली , ” मेरा घर तो तुम्हारा शरीर था …. पर करोड़ों का घर बनवाने के चक्कर में तुमने इस अमूल्य शरीर का ही नाश कर डाला ,…तुम ठीक से चल नहीं पाते …ऱात को तुम्हे नींद नहीं आती … तुम्हारा दिल भी कमजोर हो चुका है …. तनाव की वजह से ना जाने और कितनी बीमारियों का घर बन चुका है तुम्हारा शरीर …… तुम ही बताओ क्या तुम ऐसे किसी घर में रहना चाहोगे जहाँ चारो तरफ गंदगी हो … जिसकी छत टपक रही हो …. जिसके खिड़की -दरवाजे टूटे हों …., नहीं चाहोगे ना !!! …. इसलिए मैं भी ऐसी जगह नहीं रह सकती ….”
और ऐसा कहते हुए आत्मा सेठ के शरीर से निकल गयी …और सेठ की मृत्यु हो गयी .
Friends, ये कहानी बहुत से लोगों की हकीकत है … मैं ये नहीं कहता की आप अपने goals pursue मत करिये , पर मैं ये ज़रूर कहूंगा कि जो भी करिये Health को सबसे ऊपर रखिये …. नहीं तो सेठ की तरह goal achieve कर लेने के बाद भी अपनी success को enjoy नहीं कर पाएंगे .
अंत में Swami Vivekananda के एक quote से अपनी बात ख़त्म करना चाहूंगी …
“You will be nearer to heaven through football than through the study of the Gita.तुम गीता का अध्ययन करने के बजाये फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे .”
… गीता पढ़िए …. पर फ़ुटबाल खेलना मत भूलिए …. अपने goal के पीछे दौड़िये पर अपनी health को पीछे मत छोड़िये ….
meri gf
सवाल- मेरी शादी मेरी गर्लफ्रेंड के साथ होने वाली है। मेरे उसके साथ शारीरिक संबंध भी हैं। मैंने पहली बार जब उसके साथ सेक्स किया था तो उसकी योनि से खून नहीं निकला था। इस बात से मुझे शक है कि कहीं उसके किसी और लड़के से तो संबंध नहीं हैं? मेरी शंका का समाधान करें।
जवाब : आमतौर पर माना जाता है कि यदि लड़की कुंवारी है तो पहली बार संभोग करते समय योनि से रक्तस्राव होना चाहिए, लेकिन यह प्रत्येक मामले में जरूरी नहीं है।
यदि खिलाड़ी है, साइकिल चलाती है या अन्य शारीरिक श्रम करती है तो ऐसी स्थिति में योनि की झिल्ली (हाइमेन) फट सकती है। ऐसी स्थिति में पहली बार संभोग के दौरान रक्त नहीं निकलता।
ऐसे में आप अपने मन से यह शंका पूरी तरह से निकाल दें कि उसके किसी अन्य लड़के से शारीरिक संबंध हो सकते हैं। यदि आप एक-दूसरे को प्यार करते हैं तो निश्चित ही आपको विवाह करना चाहिए। इस प्रकार के बेवजह शक से आने वाला दाम्पत्य जीवन खराब हो सकता है।
hasthmatheun ki aadat
प्रश्न : मेरी उम्र अभी 16 साल है। मुझे हस्तमैथुन की आदत पड़ गई है। मुझे लगता है कि मेरे लिंग का आकार भी छोटा हो गया है। क्या करूं? कृपया उचित सलाह दें। (राकेश कुमार, दिल्ली)
उत्तर : हस्तमैथुन को लेकर सदियों से गलत धारणाएं प्रचलित हैं। इससे न तो व्यक्ति को किसी तरह की कमजोरी आती है और न ही लिंग के आकार-प्रकार में बदलाव होता है। गाल पिचकना, कमजोरी आना जैसी बातें अंधविश्वास से ज्यादा कुछ नहीं है।
जहां तक हस्तमैथुन की आदत छोड़ने के प्रश्न है तो आप धीरे-धीरे इसकी आवृत्ति कम करें। यदि आप रोज हस्तमैथुन करते हैं तो शुरुआत में दो दिन में एक बार करें फिर इसे सप्ताह में एक बार और फिर महीने में एक बार तक ले जाएं। इससे धीरे-धीरे आपकी आदत स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। यदि आपको सेक्सी कहानियां पढ़ने और सेक्सी फोटो देखने का शौक है तो उसे त्याग दें और अच्छी किताबों का अध्ययन करें।
Real fact of garbh nirodhak
मित्रो
कई विदेशी कंपनियाँ हमारे देश की माताओ ,बहनो को गर्भ निरोधक उपाय बेचती हैं !(Contraceptive)
इनमें से कुछ
गोलियों (pills) के रूप
मे बेची जाती हैं और इसके अलावा इनके अलग
अलग नाम हैं।
जैसे norplant,depo
provera, I pill है एक E
pill है ! ऐसे करके कुछ और अलग अलग नामो
से हमारे देश की माताओ ,बहनो
को ये Contraceptive बेचे
जाते है और
आपको ये जानकर बहुत दुख होगा जिन देशो की ये कंपनियाँ है ! ये सब वो अपने देश की
माताओं बहनो को नहीं बेचती है ! लेकिन भारत मे लाकर बेच रही हैं ! जैसे
ये depo provera नाम की
तकनीक इन्होने विकसित की है गर्भ निरोधन के लिए !! ये अमेरिका की एक कंपनी ने
विकसित किया है कंपनी का नाम है आबजोन ! इस कंपनी को अमेरिका सरकार ने ban
किया हुआ है अर्थात इस पिल्स को अमेरिका
मे नहीं बेचा जा सकता है ! इसलिए इस कंपनी वाले इसका उत्पादन कर भारत ले आए और
भारत सरकार से इन्होने agreement कर लिया और अब ये धड़ल्ले से भारत मे इसे बेच रहे हैं ! ये injection
के रूप मे भारत की माताओ-बहनो को
दिया जा रहा है और भारत के बड़े बड़े अस्पतालो के डाक्टर इस injection
को माताओं बहनो को लगवा रहें है !
परिणाम क्या हो रहा है ! ये माताओ ,बहनो का जो महावारी का चक्र है इसको पूरा बिगाड़ देता है और
उनके अंत उनके uterus मे cancer
कर देता है ! अंत में इसका प्रयोग
करने वाली माताओ-बहनो की मौत हो जाती है ! कई बार
उन माताओं ,बहनो को पता ही नहीं चलता की
वो किसी डाक्टर के पास गए थे और डाक्टर ने उनको बताया नहीं और depo
provera का injection
लगा दिया ! जिससे उनको cancer
हो गया और उनकी मौत हो गई !! पता
नहीं लाखो माताओ-बहनो को ये लगा दिया गया और उनकी ये हालत हो गई ! इसी
तरह इन्होने एक NET EN नाम
की गर्भ निरोधन के लिए तकनीकी लायी है ! steroids के रूप मे ये माताओ-बहनो को दे दिया जाता है या कभी injection
के रूप मे भी दिया जाता है ! इससे
उनको गर्भपात हो जाता है और उनके जो पियूष
ग्रंथी के हार्मोन्स है उनमे असंतुलन आ जाता है
और वो बहुत परेशान होती है जिनको ये NET EN दिया जाता है ! इसकी
तरह से RU 496 नाम की
एक तकनीक उन्होने ने आई है फिर रूसल नाम की एक है ! फिर एक यू क ले फ नाम की एक है
फिर एक norplant है !
फिर एक प्रजनन टीका उन्होने बनाया है सभी हमारी माताओ ,बहनो के लिए तकलीफ का कारण बनती है फिर उनमे ये बहुत बड़ी
तकलीफ ये आती है ये जितने भी तरह गर्भ निरोधक उपाय माताओ बहनो को दिये जाते हैं !
उससे uterus की
मांस पेशिया एक दम ढीली पड़ जाती है ! और अक्सर मासिक चक्र के दौरान कई मताए बहने
बिहोश हो जाती है ! लेकिन उनको ये मालूम नहीं होता कि उनको ये contraceptive
दिया गया जिसके कारण से ये हुआ है !
और इस तरह हजारो करोड़ रुपए की लूट हर साल विदेशी कंपनियो द्वारा ये contraceptive
बेच कर की जाती हैं !__________________________________
इसके अलावा अभी 3
-4 साल मे कंडोम का व्यपार विदेशी
कंपनियो द्वारा बहुत बढ़ गया है !! और इसका प्रचार होना चाहिए इसके लिए AIDS
का बहाना है !AIDS
का बहाना लेकर TV
, अखबारो, मैगजीनो मे एक ही बात क
विज्ञापन कर रहे है कि आप कुछ भी करो कंडोम का इस्तेमाल करो !
ये नहीं बताते कि आप अपने ऊपर सयम
रखो ! ये नहीं बताते कि अपने पति और पत्नी के साथ वफादारी निभाओ !! वो बताते है
कुछ भी करो अर्थात किसी की भी माँ , बहन बेटी के साथ करो ,बस कंडोम का इस्तेमाल करो !! और इसका परिणाम क्या हुआ है
मात्र 15 साल मे इस देश मे 100
करोड़ कंडोम हर साल बिकने लगे हैं ! 15
साल पहले इनकी संख्या हजारो मे भी
नहीं थी !
और इन कंपनियो का target
ये है कि ये 100
करोड़ कंडोम एक साल नहीं एक दिन मे
बिकने चाहिए !!
एड्स का हल्ला मचा कर बहुराष्ट्रीय
कम्पनियों (साथ ही साथ देशी कम्पनियों ने भी) कण्डोम का बाजार खड़ा किया है और कई
सौ करोड़ रूपये का सालाना मुनाफा पीट रही हैं। हालांकि एड्स खतरनाक बीमारी है और
यौन संसर्ग के अलावा कई अन्य तरीकों से भी इसका प्रसार होता हे। जैसे इन्जेक्शन की
सुई द्वारा, रक्त लेने से एवं पसीने के
सम्पर्क द्वारा। परन्तु
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की शह पर एड्स को रोकने के जिन तरीकों को ज्यादा प्रचारित
किया जा रहा है उनमें हैं सुरक्षित सम्भोग और कण्डोम का प्रयोग। डाक्टर लार्ड ओ
कलिंग्स के अनुसार एक बार के यौन सम्पर्क से 0.1-1 प्रतिशत ! सुई से 0.5-1 प्रतिशत, ! रक्त
चढाए जाने से 0.9 प्रतिशत एड्स होने की
सम्भावना रहती है। इस तरह संक्रमित व्यक्ति के साथ सम्भोग या सुई के इस्तेमाल और
रक्त चढाने से एड्स होने की बराबर सम्भावनाएं रहती हैं। देश में यौन सम्बन्धों के
लायक सिर्फ 30 % लोग ही हैं, जो
अधिकतर अपने जीवन साथी के अलावा किसी अन्य से यौन सम्पर्क नहीं बनाते। दूसरी तरफ
बच्चे से लेकर बूढे तक इन्जेक्शन की सुई का प्रयोग करते हैं अतः इस रास्ते एड्स
फैलने की सम्भावनाएं बहुत अधिक हैं। इसके अलावा रक्तदान द्वारा इस बीमारी का होना
लगभग तय है। और अभी भी हमारे देश में 50 प्रतिशत मामलों में रक्त बिना जांच के ही चढा दिये जाते
हैं। भारत में विशेष स्थितियोें में उपर्युक्त दोनों तरीकों से एड्स प्रसार की
ज्यादा सम्भावनाओं को नजर अंदाज कर यौन सम्पर्को को ही मुख्य जिम्मेदार मानना
पश्चिम का प्रभाव और कण्डोम निर्माता कम्पनियों की पहुंच का ही परिणाम है। विलासी
उपभोक्तावादी संस्कृति के इस दौर में कण्डोम संस्कृति और उस का प्रचार विवाहोतर
यौन सम्बन्धों को बढ़ाकर इस बीमारी की जड को हरा ही बनायेंगे।
हमारे
देश में लगभग 40 करोड़ रूपये का कण्डोम देशी
कम्पनियाँ और इतना ही कण्डोम विदेशी कम्पनियाँ बेच रही हैं। विदेशी कण्डोमों के
बारे में यह बात खास तौर से उल्लेखनीय है कि 1982 से ही सरकार ने इनके आयात पर से सीमा शुल्क समाप्त कर दिया
था और उस फैसले के बाद ही देश का बाजार विदेशीकण्डोमों से भर गया। करीब 25-30
एजेन्सियाँ जापान,
कोरिया,
ताइवान,
हांगकांग,
थाइलैण्ड वगैरा से कण्डोम थोक के भाव
मंगाती और बेचती हैं। करीब 20 देशी
व 80 विदेशी ब्रांडो अर्थात 100
से ज्यादा ब्रांडो में 100
करोड़ से ज्यादा कण्डोम सालाना बिक
रहे हैं।
”मुक्त यौन” की संस्कृति और उसे कण्डोम द्वारा सुरक्षा कवच पहना कर
प्रचारित करने से युवाओं की उर्जा का प्रवाह किस दिशा में मोड दिया गया है यह अलग
से एक बहुत ही गम्भीर सवाल है।
अंत
सरकार और ये विदेशी कंपनिया AIDS रोकने
से ज्यादा कंडोम की बिक्री बढ़ाना चाहती है ! इसके लिए देश के युवाओ को
बहलाया-फुसलाया जा रहा है ! ताकि विवाह से पहले ही किसी भी लड़की के साथ संब्ध
स्थापित करे और एक पत्नी से अधिक औरतों से
संबंध बनाए जिससे समाज और परिवार खत्म हो जाये !
ताकि
देश की सनातन संस्कृति को खत्म कर देश को जल्दी ही अमेरिका की कुत्ता संस्कृति मे
मिलाया जाये ! कुत्ता संस्कृति से अभिप्राय सुबह किसी के साथ,दोपहर किसी के साथ, अगले दिन किसी के साथ !!
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